- तुलसी रक्त की कमी दूर करती है। इसके नियमित सेवन से हीमोग्लोबिन अत्यन्त तेजी से बढ़ता है व दिन भर स्फूर्ति रहती है। रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाने में यह सर्वश्रेष्ठ है।
- इसके नियमित सेवन से वृद्ध व्यक्तियों की दुर्बलता दूर होती है। उनकी रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ती है
- सूर्यग्रहण या चन्द्रग्रहण के समय खाद्य पदार्थों में तुलसी दल डालने से उनमें विकृति नहीं आती। तुलसी में विद्युत शक्ति होने से वह ग्रहण के समय सौरमंडल की विनाशकारी गैसों और सूर्य व चन्द्र से निकलने वाली हानिकारक किरणों का प्रभाव खाद्य पदार्थों पर नहीं पड़ने देती।
- तुलसी की माला पहनने से टॉन्सिलाइटिस व गले के रोगों से रक्षा होती है।
- तुलसी की माला पर जप करने से उँगलिओं के एक्युप्रेशर बिंदुओं पर दबाव पड़ता है, जिससे मानसिक तनाव दूर होता है।
- तुलसी के सेवन व इसके निकट रहने से बुरे विचारों पर नियंत्रण रहता है।
- इसके नियमित सेवन से टूटी हुई हड्डियाँ जुड़ने में मदद मिलती है।
- तुलसी की पत्तियों के सेवन से क्रोधावेश एवं कामोत्तेजना पर नियंत्रण रहता है।
- तुलसी के बगीचे में बैठें, लेटें, खेलें, व्यायाम करें, पढ़ें – इससे दीर्घायु मिलेगी। सुख-वैभव पाने के लिए उत्साह मिलेगा। तुलसी कवच का काम करती है।
- तुलसी के समीप पढ़ने, सच्चिंतन करने, दीप जलाने और पौधे की परिक्रमा करने से पाँचों इन्द्रियों के विकार दूर होने लगते हैं।
साभार :- "लोक कल्याण सेतु" सितम्बर 2010, पृष्ठ संख्या 16, अंक 159
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